Thursday, December 11, 2014

निथर खड़ा होला प्रशन?




रामू काका बोनू च
ज्योतिष बडू, विज्ञानं बौन च बल।
बखरी समणी छौनू सी च बल।।
अगर इन बात च काका त,
कैकी मुंडळी काटा
द्वी चार मन्त्र फूका
अर वीं मुंडळी फिर से जुड़ा।
जुडी जाली त ठीक च,
निथर फ़ोकट का मुद्दा
संसद मा नि धरा,
अर
जरा विकास की बात भी करा।।
भोळ फिर खड़ा होला प्रशन,
दुर्लभ होला तुमरा दर्शन।।
उन भी,
14 साल कु उत्तराखण्ड,
अर14 साल बटी...
बड़ा गुस्सा मा छन प्रशन?
बटों-बटों मा खड़ा छन प्रशन?
अर
खुज्याणा छन जबाब,
बडा लाचार छन प्रशन?
जबाबों से बड़ा दूर छन प्रशन?
आत्महत्या कनू मजबूर छन प्रशन?
प्रशन भी क्या छन,
द्वी चार,
कख च पाणी?
कख च बिजली?
कख च रोड?
कख च रोजगार?
अर कले छुटणा
पहाड़ का घार।
कैन देण जवाब
कुज्याणी।
अतुल गुसाईं (सर्वाधिकार सुरक्षित)12/12/2014

Tuesday, December 9, 2014

पलायन रोको पलायन रोको चिल्लाणा छा जो

पलायन रोको पलायन रोको चिल्लाणा छा जो।
ब्याळी दिल्ली मा देखिन,
 अपणी लैन्टरदार कूड़ी  सजाणा छा वो।।
 खादी पैहनी गाँधीवादी बण्यां छा जू,
  ब्याळी बखरोळ बोड़ा थै घपल्याणा छा वो।
 जय श्रीराम जय श्रीराम का नारा लगाणा छा जू 
 ब्याळी बांदरों पैथर कुकुर छुल्याणा छा वो।।
 ब्याळी तक जू आम आदमी बणीकै घुमणा छा
 आज एक थाळी का लाखों कमाणा छन वो।।
  ब्याळी तक त ऊका बीच गाळ घात हुई छै,      
एक दुसरा का जलडा खड्याण पर तुल्यां छा जु
 आज यू पी विहार मा रिस्तेदारी बणाणा छन वो.

अतुल गुसाईं (सर्वाधिकार सुरक्षित)10/12/2014


पापी पाक का कुकरों....


Friday, December 5, 2014

रौंत्याळु मुल्क च बल म्यारू भैजी...

रौंत्याळु मुल्क च बल म्यारू भैजी।
जख गाऊ मा पाणी कू धारू भैजी।
मुल्क मा देवतों कु सारु च भैजी।
खाणा कु माल्टा नारंगी आड़ू च भेजी।
बंजा की डाली मा घुघति की घुर घुर।
अयांर बुरांस की हवा सुर सुर।।
बुरांश फ्योंलि कू फूल खिल्द जख ।
ह्यूचुला आकाश मा मिलदा जख ।
ऊ म्यारू देव भूमि च भैजी।।
धार, गाड, गदना, जख पुंगड़ा प्यारा,
मिली जुली लगान्दन दीदी भुली स्यारा।
कथगा प्यार कथगा न्यारा............
देव भूमि का म्यारा देवभूमि का म्यारा।।

लैन फर लगी जा बल.....


पहाड़े बरात........