Sunday, May 24, 2015

हिमालय हिंवाल का अजय कोठियाल छा तुम

हिमालय हिंवाल का अजय कोठियाल छा तुम
मनखी बाड़ा महान छा तुम.
रामा लछ्मण का तीर छा तुम
मेरा भारत माँ क वीर छा तुम
ये गढ़भूमि धाती का सपूत छा तुम,
बाबा केदार का दूत छा तुम.
गरीबों का मसीह, ऊंकी आश छा तुम,
दीन- दुखियों की साँस छा तुम.
माउण्ट एवरेस्ट विजेयता, पहाड़ छा तुम,
शेर-ए- हिन्दु, सिंह की दहाड़ छा तुम.
दुश्मनों कू बीच सैण मा भ्याल छा तुम,
उत्तराखंड गौरव वीर कोठियाल छा तुम.
कीर्तिचक्र, शौर्यचक्र उत्तराखंड गौरव सम्मान छा तुम,
मनखी बाड़ा महान छा तुम.
अतुल गुसाईं जाखी (सर्वाधिकार सुरक्षित)

दिनांक २५.५.२०१५

Friday, May 22, 2015

नशा

मिन कच्ची भी पे,
मिन पक्की भी पे,
मिन देशी भी पे,
मिन विदेशी भी पे,
मिन फौजी की रम भी पे,
मिन गोरख्याणियों  की छंग भी पे,
बैठि की जोगी बाबा
मिन सुल्फा भंग भी पे,
पर कसम से........
जु नशा विंकि आंख्यों मा छौ
ऊ कखी नि रै
अतुल गुसाईं जाखी (सर्वाधिकार सुरक्षित)








Monday, May 18, 2015