Sunday, December 31, 2017

क्य कन त....

लैंदी गौड़ी अगर भेळा लमड़ी जौ क्य कन त
दुःख मा अपणा लोग समणी नि रौ क्य कन त।।

फंड-बौनस यूॅ फर लगे की बुड्येंदां बेरोजगार हुयॉ छा
नौना पढ़े-लिखे की अगर लत्थी चोट मार क्य कन त।

रिटायरमेन्ट का बाद कुछ धर्यूॅ रौंद त काम आन्द
अब बीड़ी ठुड़ी टीपी-टीपी पेणा छां क्य कन त।।

ब्वारी भी ठिक छै बल यॉ सी पैली खुट्टा दबे देंदी छै
अब वा भी गौळ दबाणा खुण आणी क्य कन त।।

कैकू भी क्य ब्वन अपणो ही सट्ठी बूखो च।
अर ऊ बूखो भी पीनो-कल्चौणी काम नि आणू क्य कन त।

वीं ठिक छन जौकी औलाद नी रे भुला जाखी,
छैंद औलादा बाद भी रोण हुयूॅ क्य कन त।।



अतुल गुसाईं जाखी (सर्वाधिकरा सुरक्षित)

Thursday, December 21, 2017

फैदा क्य......

म्वर्ना बाद मुर्दा स्वर्ग जान्द कि नर्ग कै थै क्य पता
फिर शमसाण घाट तक रस्ता बणियां कु फैदा क्य।।

गौऊ का रस्तों मा सीमेन्ट लग्यॅू, मत्थी बटी मोळ घमयूॅ
जब मोळ मा ही हिटण लोळा त सीमन्ट लग्यॉ फैदा क्य।।

बरातीघर बण्यॉ गौऊ- गौऊ मा, बरात बैठीं ब्योली चौक मा
अर बराती घर भितर जुवरी, तस्यौर इन बरात घर कु फैदा क्या।।

बिजली पोल तार लग्यॉ छन गौऊ मा, झूला खेलणा छन बांदर
अर जब ऊ फर बिजली नि आण त तार लग्यॉ कु फैदा क्य।।

पाणी पाईप लाइन आई च दूर धार-खाळ बटी, पर पाणी नी
अर स्टेंट पोस्ट मा जग्वाळ बैठ्यॉ कुकर, इन पाईपलैना पैदा क्य।।

चकबंदी हुई सारियों का ओर-पोर, अर उज्याड़ जयां गोर
जब उज्याड़ ही खयेंण सरी सार, फिर चकबंदी कु फैदा क्य।।

बजट अयूॅ छौ खाळ बणणा कू, अर खाळ बण्यॉ धार मा
अर जब वख पाणी नि रूकण त खाळ बण्यॉ फैदा क्या।।
अतुल गुसाईं जाखी (सर्वाधिकरा सुरक्षित)