जय बुन्खाले काली माँ
दया कु भण्डार, दाता माँ,
जू भी आन्द द्वार त्यारा,
कभी नि जांन्दू खाली माँ।।
जय बुन्खाले काली माँ।।
परदेसों जयां तेरा ग्वाल बाल,
पूजा कू आणा होला घार।
ऋद्धि-सिद्धि सबौं देई माँ,
बोगठ्या भैसा बागी बली ना
देणा छा प्यार.....
प्यार मा खुस रई माँ।।
जय बुन्खाले काली माँ।।
चडौला त्वे मा श्रीफल
अर फूलों कु हार माँ,
चूड़ी बेन्दुली लाल चुन्नीन
करुला तेरु सोला श्रृंगार माँ।
जय बुन्खाले काली माँ।
तेरा खप्परों मा चडोला,
फूल, धूप ज्यूँदाळ माँ
तेरु धुप्यणूं द्योला
कड़ू तेल लाल अंगार माँ।
जय बुन्खाले काली माँ।।
गाजा बाजा भंकोरों संग
लगोला तेरु मण्डाण माँ,
छुटी मोटी ग़लती भगतों से होला त
भक्तों से नि रूसाण माँ।।
जय बुन्खाले काल
अतुल गुसाईं (सर्वाधिकार सुरक्षित)27/11/2014