सर्व शीक्षा अभियान का बोल्ड लगा था।
मैंने सोचा यहाँ शीक्षा बांटी जा रही है।
अन्दर गया तो देखा
वहां दाल भात उडाई जा रही थी।
मैंने पूछा क्या बात है मास्टर साहब
खूब घरात खलाई जा रही है,
किसी बच्चे का नामकरण है या
किसी मैडम की बरात आ रही है।
बल
आवा आवा गुसाईं जी
दाल भात तुम भी खावा जी ।
यही तो सर्व शीक्षा है
सरकार की तरफ से बच्चों के लिए भिक्क्षा है।
मैंने कहा ये तो ठीक है लेकिन
टेबल में पाउ पसार के बैठना
कहाँ की शिछा है।
मैंने सोचा यहाँ शीक्षा बांटी जा रही है।
अन्दर गया तो देखा
वहां दाल भात उडाई जा रही थी।
मैंने पूछा क्या बात है मास्टर साहब
खूब घरात खलाई जा रही है,
किसी बच्चे का नामकरण है या
किसी मैडम की बरात आ रही है।
बल
आवा आवा गुसाईं जी
दाल भात तुम भी खावा जी ।
यही तो सर्व शीक्षा है
सरकार की तरफ से बच्चों के लिए भिक्क्षा है।
मैंने कहा ये तो ठीक है लेकिन
टेबल में पाउ पसार के बैठना
कहाँ की शिछा है।
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