Atul Gusain jakhi
Wednesday, June 22, 2016
पलायन
पलायन रोको पलायन रोको
चिल्लाणा छा जु!
ब्याळी दिल्ली मा देखिन
अपणी लैन्टरदार कुड़ी
सजाणा छा उ।
कि कनक्वे रुकण पलायन
अर कनक्वे बचाण खेती!
भैजी गौ मा सारी चौकीदार
धर्यूं छौ जु,
अपणा गोरु थै उज्याड
खलाणु रै उ।
अतुल गुसाईं जाखी
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
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