रिवाज़
...............
बाटा कु बटोई
चै अज़ाण हो
या हो क्वी
अपणु खास।
यु च म्यार मुल्का रिवाज
पूछी देंदन एक च्या गिलास।
अर ये च्या का गिलास मा
रिश्तों कि च मीठास,
दुश्मनों की भी रैंदी आस
आज न त भोळ
कन नि पुछलु
एक च्या कु गिलास।
हम गढ़वलियों की
एका बिना
नि चल सकदी साँस
जैका घौर मा जा
सबसे पैली ऐ जांद
च्या कु गिलास।
अतुल गुसाईं जाखी( सर्वाधिकार सुरक्षित)
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बाटा कु बटोई
चै अज़ाण हो
या हो क्वी
अपणु खास।
यु च म्यार मुल्का रिवाज
पूछी देंदन एक च्या गिलास।
अर ये च्या का गिलास मा
रिश्तों कि च मीठास,
दुश्मनों की भी रैंदी आस
आज न त भोळ
कन नि पुछलु
एक च्या कु गिलास।
हम गढ़वलियों की
एका बिना
नि चल सकदी साँस
जैका घौर मा जा
सबसे पैली ऐ जांद
च्या कु गिलास।
अतुल गुसाईं जाखी( सर्वाधिकार सुरक्षित)
च्या का गिलास
ReplyDeleteरिश्तों कि मीठास