गढ़वाळी मनखी ही न,
गढ़वाळी शब्द भी ईमानदार छन,
फिकर बिचरी त शर्मा खातिर
या फिर हम फर दया खै की,
कभी चली गे छै।
लोग त अब बिगर बाती कु
टेंसन लेणा छन।
सर्वाधिकार सुरक्षित @ अतुल गुसाईँ
गढ़वाळी शब्द भी ईमानदार छन,
फिकर बिचरी त शर्मा खातिर
या फिर हम फर दया खै की,
कभी चली गे छै।
लोग त अब बिगर बाती कु
टेंसन लेणा छन।
सर्वाधिकार सुरक्षित @ अतुल गुसाईँ
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