मुरण से पैली कैन एक च्या गिलास तक नि पूछी।
मुरणा का बाद चाई पत्ती, चिन्नी ले के आणा छन लोग।।
मुरण सी पैली द्वी गफ्फा अन्ना का प्यार से नि मिलिन।
मुरणा का बाद मेरा बांटे चुंची डांग मा धना छन लोग।
मुरण सी पैली कैन कभी हल्दी ज्यूँदाल नि लगे माथा
मुरणा का बाद खान्द फर पित्र पिठै लगाणा छन लोग।
मुरण से पैली क्वी मेरा हाल पुछण तक नि आई कभी
मुरणा का बाद बुले बुले की मी थै भूत नचाणा छन लोग।
मुरण सी पैली ये अतुल जाखिल कैकु बलु बुरु नि बोली।
मुरणा का बाद पित्र दोष लग्यू बल, छुई लगाणा छन लोग।।
जब बच्यू छौ, ज्यून्दू छौ सबोन नफरत ही कौरी।
मुरणा का बाद फेसबुक फर भी like कना छन लोग।
©अतुल जाखी ( सर्वाधिकार सुरक्षित )
Bahut hi Badhiya :)
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