अब ब्वारी पहन्ना छी जीन्स छोडिक साड़ी बल मॉडर्न व्येगी पहाड़ी.., नि बच्चि अब दीदी-भुल्ली की रश्यांड बल छोरी त बनगी गढ़वाली बान्द नि लगदु अब हेल अर नि लगदु जोल बल नॉना करना छी डीजे मा रॉक एण्ड रोल..
छुटिगे श्यार अर छूटि गिनी खेत-पात बल अब खरीदि की खाना ची लोग दाल-भात.., नि हुन्दु झुंगरू अर नि हुन्दु क्वाद भुल्लो अब कनखे चखला बाड़ी ओर पल्यो क स्वाद.., अब नि रही हरी-भरी सारी बल बचा पडांन्डक चली गेनि छोडि की घर-बार.. की ब्लुन भुल्लो पहाड़ी त बस अब आलू ही रहगी बल लोग त अब देसी व्येगी.., Written by-Shailender Rawat
अब ब्वारी पहन्ना छी जीन्स
ReplyDeleteछोडिक साड़ी बल मॉडर्न व्येगी पहाड़ी..,
नि बच्चि अब दीदी-भुल्ली की रश्यांड बल छोरी त बनगी गढ़वाली बान्द
नि लगदु अब हेल अर नि लगदु जोल
बल नॉना करना छी डीजे मा रॉक एण्ड रोल..
छुटिगे श्यार अर छूटि गिनी खेत-पात
बल
अब खरीदि की खाना ची लोग दाल-भात..,
नि हुन्दु झुंगरू अर नि हुन्दु क्वाद
भुल्लो अब कनखे चखला बाड़ी ओर पल्यो क स्वाद..,
अब नि रही हरी-भरी सारी
बल बचा पडांन्डक चली गेनि छोडि की घर-बार..
की ब्लुन भुल्लो पहाड़ी त बस
अब आलू ही रहगी
बल लोग त अब देसी व्येगी..,
Written by-Shailender Rawat