Thursday, June 30, 2016

एक ही दुःख हो त...

एक ही दुःख हो
त त्वे मा बोल मी,
सिर्फ जिकुड़ी उदास हो
त त्वे मा बोल मी,
यख त आंख्यों मा
बारा मैना बसग्याळ लग्यूं
सिर्फ सौण भादो कि बात हो
त त्वे मा बोल मी।
अपणा बिरणा सब्बी रुठ्यां छन
सिर्फ नरों की बात हो
त त्वे मा बोल मी,
यख त देवता भी दोस लग्यां छन
सिर्फ भूत पुज्ये की बात हो
त त्वे मा बोल मी।
त्वे मा बोली की अगर
म्यारा दुःख कम हुंदिन
त आज सरी रात
ख़ैरि कि बात त्वे मा
लगे द्यों मी।
सर्वाधिकार सुरक्षित @लेख. अतुल गुसाईं जाखी

Wednesday, June 22, 2016

पलायन

पलायन रोको पलायन रोको
चिल्लाणा छा जु!
ब्याळी दिल्ली मा देखिन
अपणी लैन्टरदार कुड़ी
सजाणा छा उ।
कि कनक्वे रुकण पलायन
अर कनक्वे बचाण खेती!
भैजी गौ मा सारी चौकीदार
धर्यूं छौ जु,
अपणा गोरु थै उज्याड
खलाणु रै उ।
अतुल गुसाईं जाखी
(सर्वाधिकार सुरक्षित)