Sunday, May 12, 2019

गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी की कविता वै रै होलि पे मेरा पोस्टर


अधरेणू धोतुडु,
गुजमैलो बिलोज
चिर्यू पठग्वा,
मटळण्या मुंडासु
छिंगर्या लटुला,
दरदरि गात
तिडयां हथ खुटा
पसीन्यै बास
बस-बस मिल
पछ्याणाली
वै रै होलि
मयाळो सुभौ
अर क्वांसा पराणै
मेरी ब्वे!

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