Tuesday, April 29, 2014



1 comment:

  1. अब ब्वारी पहन्ना छी जीन्स
    छोडिक साड़ी बल मॉडर्न व्येगी पहाड़ी..,
    नि बच्चि अब दीदी-भुल्ली की रश्यांड बल छोरी त बनगी गढ़वाली बान्द
    नि लगदु अब हेल अर नि लगदु जोल
    बल नॉना करना छी डीजे मा रॉक एण्ड रोल..

    छुटिगे श्यार अर छूटि गिनी खेत-पात
    बल
    अब खरीदि की खाना ची लोग दाल-भात..,
    नि हुन्दु झुंगरू अर नि हुन्दु क्वाद
    भुल्लो अब कनखे चखला बाड़ी ओर पल्यो क स्वाद..,
    अब नि रही हरी-भरी सारी
    बल बचा पडांन्डक चली गेनि छोडि की घर-बार..
    की ब्लुन भुल्लो पहाड़ी त बस
    अब आलू ही रहगी
    बल लोग त अब देसी व्येगी..,
    Written by-Shailender Rawat

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