Sunday, February 22, 2015

न भै अतुल न इन कै त नि ह्वे सकद स्वच्छ भारत।।

न भै अतुल न इन कै त नि ह्वे सकद
स्वच्छ भारत,
नौना तुमरा आलो- काचो छन खांणा,
बटों - बटों मा छन तब थुपडा लगाणा।
जैकु लग जखी लगणू वखी पिचकाणू,
भांती- भांती का बीमारियों धई लगाणू।
न भै अतुल न इन कै........
पीठ पैथर तुम पान गुटका खाई की,
पाल्यों- पाल्यों दीवालों फर छा धुकणा,
पीठ ऐथिर....
स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत कु
नारा छा लिखणा।
न भै अतुल न इन कै........
या...आ 
ब्वारी बेटी तुमरी, खौड-पात
बाटा- घाटों मा छन जमोणा,
अर भैंसा गाडा-गदीनों छा नहोणा।
नि ह्वे सकद स्वच्छ भारत,
सरकार पर छाँ तुम दोष देणा,
अर अफ तुम कुछ ज़िम्मेदारी नि छा लेणा।
न भै अतुल न इन कै त नि ह्वे सकद
स्वच्छ भारत।।
अतुल गुसाईं जाखी (सर्वाधिकार सुरक्षित)

 Date-23/2/2015

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