Tuesday, June 3, 2014

चला राजधानी गैरसैण ल्योला।

शहीदों की भावनावों तै
ठेस नि पहुँचावा।
उत्तराखंड की राजधानी
गैरिसैण दे द्यावा।।

शहीदों का सुपन्यों तै
साकार कौरी द्यावा
ऊकी राजधानी गैरसैण
ऊं तै दे द्यावा।।

कुछ इन सुपिन्यां छा ऊंका
जीति जब हम घौर जौला
उत्तराखंड की राजधानी
गैरसैण बणोला।।

पर सुपन्यों की बात
सुपन्यों मा रैइ गिन
जौन सुपन्यां देखी छा
ऊ ता बिचरा स्ये गिन।।

कुछ स्येन मसूरी कांड मा



कुछ स्येन खटीमा कांड मा
जु आंदोलनकारी बच्यां छा
ऊ कु अंधेरु ह्वे
मुजफ्फर नगर मा।।

ऊकी कसम आज हम तै
आण चैणी लाज हम तै।
ऊंका सुपन्यां साकार करुला
चला राजधानी गैरसैण ल्योला।

एक बार फिर आज
गढ़वाल,कुमाऊ कट्ठा होला,
उत्तराखंड की राजधानी
गैरसैण ल्योला।

शहीदों की मान
अब हमुन बचाण
उत्तराखंड की राजधानी
गैरसैण बणाण।
©®अतुल गुसाईं(सर्वाधिकार सुरक्षित)



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