Sunday, April 2, 2017

उत्तराखण्ड तै सरकार न बल्की दरोळा चलाणा छन।


दारू पीण अधिकार च हमारू
अर पिलाण फर्ज च तुमारू।
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उत्तराखण्ड का तीन जिला उत्तरकाशी, चलोली व रूद्रप्रयाग मा दारू बन्द होण से काफी दुख ह्वे आप लोगों कु दुख मि दिल से महसूस करणू छौ, आखिर हम भी त वीं ब्रांड पिन्दां , जै तै तुम पेंदा छा। ये दुख का घड़ी मा हम अन्य जिलों का दरोळा भै आप सभी लोगों का दगड़ी छा। मि आप लोगों का वास्ता सिर्फ इथगा कौरी सकदू छौ कि जब भी आप लोगों कु दिल दारू पेणा कु करलू त पौडी का पाबौ बजार मा आप लोगों कु स्वागत च।
आज उत्तराखण्ड का तीन जिलों मा दारू बंद ह्वे गे, भोळ सरकार पूरा उत्तराखण्ड मा कौरी द्यार्ली इं बाता कु मी थै काफी चिन्ता च। ये सै पैली कि दारू बन्द हो हम थै कुछ न कुछ करण ही पडलू। आखिर सरकार भी त हम दरोळा ही बणादां फिर चाहे काॅग्रेस कि हो या बीजेपी की या कै अन्य पार्टी की हर सरकार हमुन ही त बणें। हम ही सरकार बणांदा अर हम ही फर अत्याचार यु घोर अन्याय च, हम दरोळों दगण। येकू विरोध होण चैंद। जब नसबंदी कु विरोध ह्वे सकद, नोटबंदी कु विरोध ह्वे सकद, मीटबंदी कु विरोध ह्वे सकद त दारूबंदी कु कलै ना ?

अर सरकार क्या समझदी अफ थै, सरकार तोप चा क्या ?
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अरे सरकार से ज्यादा काम त हम दरोळा करदां आम जनता की। उत्तराण्ड मा द्वी-चार लोग जु बच्याॅ छन ना ऊ हम दरोळों का बचायाॅ छन, सरकार का भरोसा रैन्दा त ऊ भी कबी पलायन ह्वे जांद।
इन नि समझ्यां कि यु अतुल जाखी खयां-पियां मा ब्वनू च अगर सरकार थै यकीन नि आणू त जरा बिना दारू का कैकू परखुम्मा लगे की दिखे द्या, हौळा कु ठ्यका ले की दिखे द्या, चार आदिम जरा कैका ब्यो मा बुलै कि दिखे द्या, पंचैत काम निभै कि दिखे द्या, कैकी पुजै कौरी कै दिखे द्या। इथगा ही ना बिना दारू का जरा मुर्दा मडघाट तक पौछै कि दिखे द्या। तुम नेता लोग एक वोट का खातिर हजारों वादा करदां अर जितणा का बाद काम कुछ ना। सिर्फ अपणी मवसी बणादां तुम से ठिक त हम छा हम द्वी पैक लगे कि अपणी मवसी डंाग मा धरदां पर दुसरों का काम एै जान्दां।
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हम अपणी ही किडनी, कज्याण घपल्याणा छां
कैका बुबा कु कुछ थोडी नि खाणा छां ।।
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हम ये देश का सच्चा समाज सेवक छा । क्या आप लोगों थै पता च हम दरोळों का घौर मा खाणा कु राशन पाणी कुछ नि रैंद, बच्चों थै फीस देणा कु पैसा नि रैंदिन, नौनी कु ब्यो कन क्वे करण यु हम थै पता नी च । हम दरोळा बजार बटी घौर आंद छां कि नि आंदा , घौर वोळों थै यांकी फिकर सताणी रैन्द, फिर भी आप लोंगो का सुख दुःख मा हम हमेशा खडा रैन्दा। आप लोगों का सुख-दुःख मा क्वी औ नि औ पर हम दरोळा हमेशा समय सी पैली पौंछी जान्दा। अर आज तुम ब्वना छा कि दारू बन्द करा।
यु जु उत्तराखण्ड चलणू च ना उ दारू चलाणू च दरोळा चलाणा छन। सरकार थै अपणा दिमाक भीतर या बात घुसै देण चैंद! उत्तराखण्ड तै
सरकार न बल्की दरोळा चलाणा छन।
अतुल गुसाई जाखी (सर्वाधिकार सुरक्षित)

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